थोड़ी ही देर में दरबार में खड़ा एक अँधा व्यक्ति आगे आया और उसने कहा कि , महाराज ! मैं बता सकता हूँ कि असली हीरा कौन - सा है ?
उसने दोनों हीरों को हाथ से छुआ और फिर असली हीरे को सामने करते हुए बताया कि असली हीरा यही है l दरबार में उपस्थित सभी लोगों की आँखें व्यापारी पर गई तो उसने स्वीकार किया कि वह सही है l
राजा ने आश्चर्य से उस अंधे व्यक्ति से पूछा कि आँखों से अँधा होने पर भी उसने कैसे असली हीरे को पहचाना ?
तब उसने कहा कि असली हीरा पहचानना बहुत ही आसान था l श्रेष्ठ मनुष्य की तरह असली हीरे पर भी वातावरण की गर्मी का असर नहीं होता l वह हर स्थिति में संतुलित रहता है l महल में गर्मी का वातावरण है l गर्म वातावरण में गर्म होने वाला हीरा नकली था l अतः असली हीरे को पहचानना आसान था l यह सुनकर राजा , व्यापारी और दरबार के सभी लोग अंधे व्यक्ति की समझदारी से प्रभावित हुए l साथ ही असली हीरा उसे दे दिया गया l
अनमोल वचन :- सुन्दरता की शोभा केवल गुणों से होती है यदि किसी प्राणी में गुण नहीं है तो वह बिलकुल ही बेकार होता है l उसका यही हाल होता है जो बंजर धरती का होता है l बंजर धरती को हम इसलिए तो बेकार कहते है कि उसमें कोई फसल पैदा नहीं होती l
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