Hindi Kahani: यथास्थिति l इस हिंदी कहानी का शीर्षक है- यथास्थिति l Inspirational Hindi Short Stories के अंतर्गत यह कहानी आप जरुर पढ़ें l इस love hindi ब्लॉग पर ढेर सारे हिंदी कहानियाँ (hindi kahaniya) पढ़े और प्रेरणा पायें l
Hindi Kahani: यथास्थिति
भगवान शिव एवं पार्वती आकाश मार्ग से जा रहे थे l रास्ते में पार्वती जी ने पृथ्वी की ओर दृष्टि डाली तो उन्हें एक परिवार दिखाई पड़ा l पिता को कुष्ठ रोग था, माँ का आधा चेहरा जला हुआ था और उनका लड़का लंगड़ाकर चल रहा था l परिवार की यह स्थिति देखकर पार्वती जी को उनपर दया आ गई l पार्वती जी भगवान शिव से अनुनय करते हुए बोली –“प्रभु ! आप तो सर्वशक्तिमान हैं, आप इन पीड़ितों का कल्याण क्योँ नहीं करते ?”
भगवान शिव उत्तर में केवल मुस्कराए और बोले –“देवी ! आप जैसे कहें, वैसे
इनको सहायता प्रदान कर देते हैं l”
पार्वती जी के कहने पर भगवान शिव उनको एक-एक
वरदान देने को राजी हो गए l
भगवान शिव-पार्वती परिवार के समक्ष प्रकट हुए और सबसे पहले महिला से बोले कि
वह अपनी इच्छानुसार वर माँगे l
महिला बोली –“भगवान आप मुझे दुनिया की सबसे सुन्दर
महिला बना दे l”
प्रभु के ‘तथास्तु’ कहते ही वह सुन्दर युवती में बदल गई l उसका
पति यह देखकर मन ही मन कुढ़ने लगा l अब वरदान माँगने की उसकी बारी थी l
उसने माँगा –“भगवान
! मेरी पत्नी को कुरूप राक्षसी में बदल दे l”
ये इच्छा भी पूर्ण हुई l उनका बच्चा
माँ का रूप देखकर रोने लगा l उससे वरदान माँगने को कहा तो उसने कहा –“प्रभु ! मेरी
माँ जैसी थी, वैसी ही कर दे l” उसकी माँ अपने आधे जले चेहरे के साथ वापस आ गई l
तीनों वरदान माँग भी लिए गए, पर तीनों यथास्थिति में रहे l
मित्रों ! इस संसार में हर व्यक्ति अपनी मनःस्थिति के अनुसार स्थान पाता है l
भगवान भी उनकी ही सहायता करते हैं, जो अपनी सहायता आप करने को तत्पर रहते हैं
l
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